आज का आदमी विकसित होना चाहता है। समाज को प्रगतिशील बनाना चाहता। कॉविड-19 में हम सबने जाना कि दौलत, गाड़ी, मकान ऐशो आराम यह सब कुछ समय के लिए ही है,जो हमें कायमी सुख नहीं दे सकते। असली सुख हमारा स्वास्थ्य है।

अगर वह हमारे साथ होगा तभी हम सारे कार्य कर पाएँगे।आज का मानव पैसों के पीछे इस तरह भाग रहा है कि वह अपने परिवार से दूर होता जा रहा है। वह मानता है कि मोबाइल द्वारा लोगों से दूर-दूर तक जुड़ा रहा जा सकता है और यह एक सीमा तक सही भी है परंतु वह मोबाइल का उपयोग इतना अधिक करने लगा है कि उसका मोबाइल परिवार से विशेष महत्व रखता है। वह आधुनिक उपकरणों में खोने लगा है और इसकी वजह से आज के युवा एवं बच्चों पर भी गलत प्रभाव पड़ने लगा है और इससे देश की उन्नति के बजाय अवनति हो रही है। इंसान एकलता की और जा रहा है। वह समझता है कि एकल परिवार में रहने से शांति मिलती है, परंतु संयुक्त परिवार में रहने से हम हमारे सुख-दुख बांट सकते हैं और जीवन में स्थिरता का का अनुभव कर सकते हैं। आज हर कोई अकाल रहना चाहता है और कॉविड-19 के बाद सबके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ा है। मानव अपने आप को व्यस्त रखने के लिए आधुनिक उपकरणों का  शिकार होता जा रहा है। वह चाह कर भी उन्हें नहीं छोड़ पा रहा है परंतु हमें इस पर नियंत्रण लाना होगा और मुश्किलों का का मिलकर हल निकालना होगा; जिससे शांति का अनुभव हो सके और मानव आधुनिक उपकरणों में अपना समय बर्बाद ना करके स्वयं को स्थिर रखें और अपने जीवन को ज्ञान रूपी प्रकाश से भर दे।

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